वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-हिंदू धर्म में आदिशक्ति की उपासना को बहुत अधिक महत्व दिया गया है ऐसे में नवरात्रि के नौ दिनों में लोग देवी आदिशक्ति मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करते हैं।
26 सितंबर से हिंदू धर्म के महापर्व नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है। जिसे बेहद उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस दौरान जननी मां शारदा की आराधना की जाती है। मां के दरबार में लाखों की संख्या में भक्तगण माता के दर्शन करने जाते हैं। हिंदू धर्म में आदिशक्ति की उपासना को बहुत अधिक महत्व दिया गया है ऐसे में नवरात्रि के नौ दिनों में सभी लोग देवी आदिशक्ति मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना कर माता को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। नवरात्रि में घर को ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार सजाने पर घर के भीतर आने वाली पॉजिटिव एनर्जी में बढ़ोतरी होती है। दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की प्रतिमा रखे- अपने राशि के अनुसार घर मे मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की प्रतिमा रखनी चाहिए। वृश्चिक और मेष राशि के लोगों को घर में देवी स्कंदमाता , तुला और वृषभ राशि वालों को देवी कात्यायनी , मिथुन और कन्या राशि वालों को देवी महागौरी , कर्क राशि वालों को देवी चंद्रघंटा, सिंह राशि वालों को देवी शैलपुत्री, धनु और मीन राशि वालों को देवी कुष्मांडा, मकर और कुंभ राशि वालों को देवी ब्रह्मचारिणी घर में रखनी चाहिए। तुलसी का पौधा- ज्योतिष शास्त्र में तुलसी के पौधे का बहुत अधिक महत्व है। घर में तुलसी का पौधा लगाने से निगेटिव एनर्जी घर के अंदर नहीं आती। नवरात्र के समय एक तुलसी का पौधा घर के उत्तर पूर्व दिशा में लगाए।
अखंड ज्योति- नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करते वक्त समय एक दीपक जला कर रखे और इस दीपक को लगातार नौ दिनों तक जलाए। दीपक को बुझने न दें। लगातार जलता दीपक घर में रोशनी लाने के साथ ही साथ आपके जीवन को भी खुशहाली और प्रकाश से भर देगा।
कन्या पूजा- नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है नवरात्र के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होने के बाद घर में 9 छोटी देवी स्वरूप कन्याओं को बुलाकर उनकी पूजा की जाती है। जिसके बाद कन्याओं को भोजन कराकर उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है। माना जाता है कि उस दिन मां दुर्गा देवी स्वरूप में धरती पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती है।